प्रतिवर्ष वर्ष 20 नवंबर को मनाया जाने वाला "विश्व बाल दिवस" बच्चों के कल्याण, उनके अधिकारों की सुरक्षा, और उनके उज्ज्वल भविष्य को बढ़ावा देने के प्रति समर्पित एक महत्वपूर्ण वैश्विक आयोजन है। दरअसल, बच्चे भारत के हों या दूसरे देशों के वह समाज और राष्ट्र का भविष्य होते हैं। बच्चों की बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य और भविष्य को लेकर भारत समेत दुनिया के तमाम देशों में भी बाल दिवस मनाया जाता है।
- विश्व बाल दिवस मनाने की शुरुआत 1954 से हुई। पहली बार सार्वभौमिक बाल दिवस 20 नवंबर 1954 को मनाया गया।
- 1959 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने बाल अधिकारों पर कन्वेंशन अपनाया था। 20 नवंबर को ही बच्चों के अधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन की वर्षगांठ होती है। इसलिए इस दिन को बाल दिवस के तौर पर मनाने का फैसला लिया गया।
- 20 नवंबर को संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) ने बाल अधिकारों की घोषणा (Declaration of the Rights of the Child) को अपनाया। यह दस्तावेज़ बच्चों के मूलभूत अधिकारों को रेखांकित करता है।
- विश्व बाल दिवस 2024 की थीम "हर बच्चे के लिए ,हर अधिकार" (For Every Child, Every Right) है जो कि ये सुनिश्चित करने के लिए प्रयासों का आह्वान करता है कि सभी बच्चों को उनके मौलिक अधिकार प्राप्त हों। इसमें शिक्षा, भोजन, आवास, स्वच्छता और हानिकारक काम से सुरक्षा का अधिकार शामिल है।
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