ग्राम पंचायत या ग्रामसभा (Gram Panchayat/Gram Sabha) : अधिनियम के मुताबिक, प्रत्येक पंचायत क्षेत्र के लिए उस पंचायत क्षेत्र के नाम पर एक ग्राम पंचायत का गठन किया जाएगा। ग्रामसभा किसी एक गांव या पंचायत का चुनाव करने वाले गांवों के समूह की मतदाता सूची में शामिल व्यक्तियों से मिलकर बनी संस्था है।ग्रामसभा में 200 या उससे अधिक की जनसंख्या का होना आवश्यक है।
- ग्राम पंचायत की स्थापना भारत के संविधान के 73वें संशोधन अधिनियम, 1992 द्वारा की गई थी।
- ग्राम पंचायत भारत में ग्राम स्तर पर स्थापित एक स्थानीय स्वशासन संस्था है। यह एक प्रशासनिक इकाई होती है जो ग्राम क्षेत्र के विकास और प्रशासन के लिए जिम्मेदार होती है।
- प्रत्येक ग्राम पंचायत में एक सरपंच, ग्राम पंचायत सदस्य, पंचायत सचिव और अन्य कर्मचारी होते हैं। सरपंच ग्राम पंचायत का अध्यक्ष होता है। ग्राम पंचायत सदस्यों का चुनाव जनता द्वारा किया जाता है। पंचायत सचिव ग्राम पंचायत का कार्यकारी अधिकारी होता है।
- ग्रामसभा में 1000 की आबादी तक 1 ग्राम पंचायत सदस्य (वार्ड सदस्य), 2000की आबादी तक 11 सदस्य तथा 3000 की आबादी तक 15 सदस्य होंगे।
- ग्रामसभा की बैठक वर्ष में दो बार होनी आवश्यक है। जिसकी सूचना 15 दिन पहले नोटिस से देनी होती है। ग्रामसभा की बैठक बुलाने का अधिकार ग्राम प्रधान को होता है।
- ग्राम सभा की अध्यक्षता प्रधान या उसकी गैरमूजदगी में उपप्रधान करता है। दोनों की अनुपस्थिति में ग्राम पंचायत के किसी सदस्य को प्रधान द्वारा मनोनीत किया जा सकता है।
ग्राम पंचायत की समितियां और उनके कार्य (Committees of Gram Panchayat and their work)...
A). नियोजन एवं विकास समिति -- सदस्य:- सभापति, प्रधान, छह अन्य सदस्य अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, महिला एवं पिछड़े वर्ग का एक-एक सदस्य अनिवार्य होता है।
- समिति के कार्य:- ग्राम पंचायत की योजना का निर्माण करना, कृषि, पशुपालन और ग़रीबी उन्मूलन कार्यक्रमों का संचालन करना।
- सदस्य:- सभापति ग्राम पंचायत द्वारा नामित सदस्य, छह अन्य सदस्य (आरक्षण ऊपर की ही तरह)
- समिति के कार्य:- समस्त निर्माण कार्य करना तथा गुणवत्ता निश्चित करना।
- सदस्य:- सभापति, उप-प्रधान, छह अन्य सदस्य, (आरक्षण उपर्युक्त की भांति) प्रधानाध्यापक सहयोजित, अभिवाहक-सहयोजित करना।
- समिति के कार्य:- प्राथमिक शिक्षा, उच्च प्राथमिक शिक्षा, अनौपचारिक शिक्षा तथा साक्षरता आदि सम्बंधी कार्यों को देखना।
- सदस्य:- सभापति-प्रधान, छह अन्य सदस्य आरक्षण (ऊपर की तरह)
- समिति के कार्य:- कमियों-खामियों को देखना।
- सदस्य:- सभापति ग्राम पंचायत द्वारा नामित सदस्य, छह अन्य सदस्य (आरक्षण ऊपर की तरह)
- समिति के कार्य:- चिकित्सा स्वास्थ्य, परिवार कल्याण सम्बंधी कार्य और समाज कल्याण योजनाओं का संचालन, अनुसूचित जाति-जनजाति तथा पिछड़े वर्ग की उन्नति एवं संरक्षण।
- सदस्य:- सभापति ग्राम पंचायत द्वारा नामित, छह अन्य सदस्य (आरक्षण ऊपर की तरह) प्रत्येक राजकीय नलकूप के कमांड एरिया में से उपभोक्ता सहयोजित।
- समिति के कार्य:- राजकीय नलकूपों का संचालन पेयजल सम्बंधी कार्य देखना।
ग्राम पंचायत के कार्य -
ग्राम पंचायत के पास सार्वजनिक सड़कों, जलमार्गों और अन्य मामलों के संबंध में कई अधिकार हैं। ग्राम पंचायत नए पुलों, पुलियों का निर्माण कर सकती है। किसी सार्वजनिक सड़क, पुलिया या पुल का मार्ग बदल सकती है, उसे बंद कर सकती है या समाप्त कर सकती है।
- अनुच्छेद 243एच में प्रविधान किया है कि राज्य विधानमंडल पंचायतों को कर, शुल्क, पथकर आदि लगाने का अधिकार दे सकते हैं। इसके लिए राज्य विधानमंडल कानून बना सकता है, लेकिन वास्तविकता यह है कि राज्य इसके प्रति उदासीन हैं।
- ग्राम पंचायत विकास योजना ई-ग्राम स्वराज पोर्टल पर अपलोड करते समय ग्राम पंचायतों को घोषणा करनी होगी कि उनकी अपने संसाधनों से आय कितनी है।
- शौचालय, मूत्रालय, नाबदान (water closet), नाली, नलकूप या गंदगी करने वाले, गंदे पानी या कूड़ा-करकट के स्थानों को बंद कराने, बदलने, मरम्मत करने, साफ करने, कीटाणुरहित करने या उसे अच्छी हालत में बनाने का अधिकार ग्राम पंचायत के पास है।
- स्कूल-अस्पताल से जुड़ा अधिकार स्कूलों और अस्पतालों में सुधार लाना और कई गांव के किसी समूह के लिए संयुक्त प्राइमरी स्कूल, अस्पताल, औषधालय की स्थापना करने या सड़क और पुल बनाने का अधिकार है।
- ग्राम पंचायत के क्षेत्र में काम करने वाले सिंचाई विभाग के पतरौल, पटवारी अथवा मुखिया को नियुक्त करने, स्थानांतरित करने या बर्खास्त करने की सिफारिश कर सकती है।
ग्राम पंचायत के प्रमुख अंग...
- आम सभा (ग्रामसभा) - ग्राम पंचायत भारत में ग्राम स्तर पर स्थापित एक स्थानीय स्वशासन संस्था है।
- मुखिया एवं कार्यपालिका - ग्राम पंचायत के अंतर्गत मुखिया का स्थान महत्त्वपूर्ण है. उसकी योग्यता तथा कार्यकुशलता पर ही ग्राम पंचायत की सफलता निर्भर करती है।
- ग्राम कचहरी - ग्राम पंचायत की न्यायपालिका को "ग्राम कचहरी" कहते हैं जिसका प्रधान सरपंच होता है।
- ग्राम रक्षा-दल - 18 से 30 वर्ष के स्वस्थ युवकों से ग्रामरक्षा दल बनता है। गाँव की रक्षा के लिए यह दल होता है, जिसका संगठन ग्राम पंचायत करती है।
- ग्राम सेवक/पंचायत सेवक - प्रत्येक ग्राम पंचायत का एक कार्यालय होता है, जो एक पंचायत सेवक के अधीन होता है। पंचायत सेवक की नियुक्ति राज्य सरकार द्वारा होती है, उसे राज्य सरकार द्वारा निर्धारित वेतन भी मिलता है।
पंचायत समिति - प्रखंड स्तर पर गठित निकाय पंचायत समिति कहलाता है, प्रत्येक प्रखंड (Development Block) में एक पंचायत समिति की स्थापना होती है।
- राज्य सरकार को पंचायत समिति के क्षेत्र को घटाने-बढ़ाने का अधिकार होता है।
- प्रखंड की प्रत्येक पंचायत के सदस्यों द्वारा निर्वाचित दो सदस्य होंगे।
- पंचायत समिति के अंतर्गत प्रत्येक ग्राम पंचायत का मुखिया पंचायत समिति का सदस्य होगा। सदस्यों का कार्यकाल पाँच वर्ष होगा।
- आर्थिक और वित्त समिति का अध्यक्ष पंचायत समिति का प्रमुख होता है। प्रखंड विकास पदाधिकारी स्थाई समितियों का सचिव होता है।
- प्रखंड विकास पदाधिकारी पंचायत समिति का पदेन सचिव (Secretary) होगा और उसका काम पंचायत समिति के प्रस्तावों को कार्यान्वित करना होगा।
नोट - विभिन्न माध्यमों/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।
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