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भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू (Pandit Jawaharlal Nehru)की जीवनी

"लाहौर अधिवेशन के अंतर्गत पंडित जवाहर लाल नेहरू ने पहली बार 31 दिसंबर 1929 को रावी नदी के तट पर तिरंगे को 12 बजे रात में फहराया था।"

भारत के प्रथम प्रधानमन्त्री पंडित जवाहर लाल नेहरू का जन्म 14 नवम्बर, 1889 को ब्रिटिश भारत में इलाहाबाद में हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अपने घर पर निजी शिक्षकों से प्राप्त की। इनके माता जी का नाम स्वरूपरानी नेहरु और पिताजी का नाम मोतीलाल नेहरु था। पंडित मोतीलाल पेशे से बैरिस्टर थे। वहीं, पंडित नेहरू की धर्मपत्नी का नाम कमला नेहरु था।

                          उनके पिता मोतीलाल नेहरू, एक धनी बैरिस्टर जो कश्मीरी पण्डित थे। मोती लाल नेहरू सारस्वत कौल ब्राह्मण समुदाय से थे। उनकी माता स्वरूपरानी थुस्सू, जो लाहौर में बसे एक सुपरिचित कश्मीरी ब्राह्मण परिवार से थी, मोतीलाल की दूसरी पत्नी थी व पहली पत्नी की प्रसव के दौरान मृत्यु हो गई थी।

  • कश्मीरी पण्डित समुदाय के साथ उनके मूल की वजह से वे पण्डित नेहरू भी बुलाए जाते थे, जबकि भारतीय बच्चे उन्हें चाचा नेहरू के रूप में जानते हैं।
  • जवाहर लाल नेहरू को इसके बाद हाई स्कूल की पढ़ाई के लिए इंग्लैंड भेजा गया। उन्होंने कैम्ब्रिज के ट्रिनिटी कॉलेज से कानून में स्नातक की उपाधि प्राप्त की और लंदन के इनर टेम्पल में बैरिस्टर बने।
  • इंग्लैंड में उन्होंने सात साल व्यतीत किए जिसमें वहां के फैबियन समाजवाद और आयरिश राष्ट्रवाद के लिए एक तर्कसंगत दृष्टिकोण विकसित किया।
  • उच्च शिक्षा ग्रहण करने के बाद नेहरू जी 1912 में भारत लौटे और वकालत शुरू की। 1916 में उनकी शादी कमला नेहरू (कमला कौल) से हुई।
  • 1912 में उन्होंने एक प्रतिनिधि के रूप में बांकीपुर सम्मेलन में भाग लिया एवं 1919 में इलाहाबाद के होम रूल लीग के सचिव बने। 
  • 1916 में वे महात्मा गांधी से पहली बार मिले जिनसे वे काफी प्रेरित हुए। उन्होंने 1920 में उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में पहले किसान मार्च का आयोजन किया। 
  • 1920-22 के असहयोग आंदोलन के सिलसिले में उन्हें दो बार जेल भी जाना पड़ा।  
  • पंडित नेहरू सितंबर 1923 में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव बने।
  • जवाहरलाल नेहरू 1924 में इलाहाबाद नगर निगम के अध्यक्ष चुने गए और उन्होंने शहर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के रूप में दो वर्ष तक सेवा की।
  • 1928 में लखनऊ में साइमन कमीशन के खिलाफ एक जुलूस का नेतृत्व करते हुए उन पर लाठी चार्ज किया गया था।
  • 1929 में पंडित नेहरू भारतीय राष्ट्रीय सम्मेलन के लाहौर सत्र के अध्यक्ष चुने गए जिसका मुख्य लक्ष्य देश के लिए पूर्ण स्वतंत्रता प्राप्त करना था।
  • लाहौर अधिवेशन के अंतर्गत पंडित जवाहर लाल नेहरू ने पहली बार 31 दिसंबर 1929 को रावी नदी के तट पर तिरंगे को 12 बजे रात में फहराया था।
  • रिहाई के बाद वे अपनी बीमार पत्नी को देखने के लिए स्विट्जरलैंड गए एवं उन्होंने फरवरी-मार्च, 1936 में लंदन का दौरा किया।
  • 7 अगस्त 1942 को मुंबई में हुई अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की बैठक में पंडित नेहरू ने ऐतिहासिक संकल्प ‘भारत छोड़ो’ को कार्यान्वित करने का लक्ष्य निर्धारित किया। 8 अगस्त 1942 को उन्हें अन्य नेताओं के साथ गिरफ्तार कर अहमदनगर किला ले जाया गया।
  • 6 जुलाई 1946 को वे चौथी बार कांग्रेस के अध्यक्ष चुने गए एवं फिर 1951 से 1954 तक तीन और बार वे इस पद के लिए चुने गए।
  • विश्व पटल पर भी नेहरू जी को प्रखर नेता कहा जाता था। 27 मई 1964 को चाचा नेहरू पंचतत्व में विलीन हो गए।

अस्वीकरण: इस लेख में केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं

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