विंटर सोलस्टाइस [Winter Solstice] या शीतकालीन संक्रांति, साल का सबसे छोटा दिन होता है। यह तब होता है, जब पृथ्वी का आधा हिस्सा सूर्य से सबसे ज़्यादा झुका होता है। इस दिन सूर्य आकाश में सबसे नीचे दिखाई देता है और दिन छोटे और रातें लंबी होती हैं। विंटर सोलस्टाइस को हाइबरनल सोलस्टाइस भी कहा जाता है।
विंटर सोलस्टाइस [Winter Solstice] से जुड़ी कुछ और बातें:
- आज साल की सबसे लंबी रात रहेगी क्योंकि आज दक्षिणी गोलार्ध में सूर्य की धरती से दूरी सबसे ज्यादा होगी।
- इस दिन सूर्य मकर रेखा के ऊपर सबसे दक्षिण में होता है। इसी कारण इस दिन की अवधि कम होती हैं। यह दिन 10 घंटे, 19 मिनट और 10 सेकंड की अवधि का होता हैं।
- शीतकालीन संक्रांति के दौरान, ध्रुवीय क्षेत्रों में लगातार अंधेरा या गोधूलि रहती है।
- विंटर सोलस्टाइस [Winter Solstice] के बाद दिन धीरे-धीरे बड़े होने लगते हैं।
- कई संस्कृतियों में, विंटर सोलस्टाइस [Winter Solstice] के समय सूर्य का उत्सव मनाया जाता है. मेसोपोटामिया, फ़ारस, बेबीलोन, प्राचीन ग्रीस, और रोम में लोग इस समय उत्सव मनाते थे।
- ईरानी लोग उत्तरी गोलार्द्ध की विंटर सोलस्टाइस [Winter Solstice] की रात को "यल्दा रात" के नाम से मनाते हैं. इसे "साल की सबसे लंबी और सबसे अंधेरी रात" कहा जाता है।
- इस दिन सूर्य पृथ्वी पर कम समय के लिए उपस्थित होता हैं तथा चंद्रमा अपनी शीतल किरणों का प्रसार पृथ्वी पर अधिक देरी तक करता हैं।
- खगोल शास्त्रियों के अनुसार, पृथ्वी अपने अक्ष पर साढ़े तेईस डिग्री झुकी हुई हैं। जिसके कारण सूर्य की दूरी पृथ्वी के उत्तरी गोलार्द्ध से अधिक हो जाती हैं और सूर्य की किरणों का प्रसार पृथ्वी पर कम समय तक हो पाता हैं।
- खगोल वैज्ञानिकों के मुताबिक, ये अवधि 20 से 23 दिसंबर के बीच ही होती है। इस दिन सूर्य 'दक्षिणायन से उत्तरायण' में प्रवेश करता हैं।
- आज के दिन को 'वास्तविक संक्राति' से भी जोड़ते हैं क्योंकि ऐसा मानना है कि 1700 साल पहले आज के ही दिन 'मकर संक्रान्ति' मनाई जाती थी जो अब 14 जनवरी मनायी जाती है।
- आपको बता दें कि चीन में लोग 21 दिसंबर के दिन को'पॉजिटिव एनर्जी' का प्रतीक मानते हैं। चीन के अलावा ताइवान के लोग 'ट्रेडिशनल फूड डे', पाकिस्तान के नॉर्थ वेस्टर्न क्षेत्र में रहने वाली जनजाति कलाशा 'कैमोस उत्सव', जर्मनी, फ्रांस और इंग्लैंड के कई क्षेत्रों में 'द फिस्टऑफ जूल फेस्टिवल' मनाया जाता है।
- धार्मिक महत्व भी है, 21 नवंबर से 21 दिसंबर के महीने को 'धनुमास' कहा जाता है।
- उत्तर भारत में आज भगवान श्रीकृष्ण को भोग लगाने और गीता पाठ करने की प्रथा है, वहीं राजस्थान के कुछ हिस्सों में 'पौष उत्सव' की शुरूआत होती है।
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