किसी शायर ने कहा है- "युवाओं के कंधों पर युग की कहानी चलती है। इतिहास उधर मुड़ जाता है जिस ओर ये जवानी चलती है।"
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“काम, काम, काम – बस यही आपके जीवन का उद्देश्य होना चाहिये।”– स्वामी विवेकानंद |
भारत में स्वामी विवेकानन्द की जयंती, अर्थात 12 जनवरी को प्रतिवर्ष राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन स्वामी विवेकानंद के योगदान और उनके विचारों को याद करने, उन्हें युवाओं के बीच प्रेरित करने का मौका होता है।
- राष्ट्रीय युवा दिवस 2025 का मुख्य विषय "राष्ट्र निर्माण के लिए युवा सशक्तिकरण" है।
- भारत सरकार ने घोषणा की कि सन 1984 से 12 जनवरी यानी स्वामी विवेकानन्द जयंती का दिन "राष्ट्रीय युवा दिवस" के रूप में देशभर में सर्वत्र मनाया जाए।
- संयुक्त राष्ट्र संघ के निर्णयानुसार, सन् 1985 ई. को अन्तरराष्ट्रीय युवा वर्ष घोषित किया गया था।
- भारत के सबसे लोकप्रिय आध्यात्मिक लीडर्स स्वामी विवेकानंद के बचपन का नाम नरेंद्रनाथ दत्त था, उनका जन्म 12 जनवरी 1863 को कलकत्ता के एक बंगाली कायस्थ परिवार में हुआ था।
- नरेंद्रनाथ के पिता विश्वनाथ दत्त कलकत्ता हाईकोर्ट में कानूनी पेशे से जुड़े थे। जबकि उनकी मां भुवनेश्वरी देवी एक गृहिणी थीं।
- स्वामी विवेकानंद के गुरु रामकृष्ण परमहंस थे, जो खुद अपने समय के बहुत प्रसिद्ध योगी रह चुके हैं।
- मानवता की सेवा और परोपकार के लिए समर्पित स्वामी विवेकानंद ने 1897 में कोलकाता में रामकृष्ण मिशन की स्थापना की। इसके बाद, 1898 में उन्होंने गंगा नदी के किनारे बेलूर में रामकृष्ण मठ की स्थापना की। इन संस्थाओं का नाम उन्होंने अपने गुरु रामकृष्ण परमहंस के नाम पर रखा।
- साल 1886 में गुरु के निधन के बाद स्वामी विवेकानंद ने रामकृष्ण मिशन की स्थापना 1 मई 1897 को की थी। इसका मुख्यालय कोलकाता के पास बेलुड़ में है। इस मिशन की स्थापना के केंद्र में वेदान्त दर्शन का प्रचार-प्रसार है।
- स्वामी विवेकानंद ने 1893 में शिकागो में विश्व धर्म संसद में भाषण दिया, जिसने उन्हें बहुत प्रसिद्ध बना दिया।
- 4 जुलाई 1902 को कथित तौर ध्यान करते हुए स्वामी विवेकानंद का देहांत हो गया था।
- स्वामी विवेकानंद ने भारत के लोगों के बीच भारतीय राष्ट्रवाद की अवधारणा को फैलाने में बहुत महत्वपूर्ण योगदान दिया था।
- स्वामी विवेकानंद का कहना था कि शिक्षा केवल पुस्तकों तक सीमित नहीं होती, बल्कि यह जीवन के हर पहलू में आत्मविश्वास और साहस को विकसित करने की प्रक्रिया है, जिससे व्यक्ति का सर्वांगीण विकास होता है।
- वास्तव में स्वामी विवेकानन्द आधुनिक मानव के आदर्श प्रतिनिधि हैं। विशेषकर भारतीय युवकों के लिए स्वामी विवेकानन्द से बढ़कर दूसरा कोई नेता नहीं हो सकता।
- भारत की युवा पीढ़ी स्वामी विवेकानन्द से निःसृत होने वाले ज्ञान, प्रेरणा एवं तेज के स्रोत से लाभ उठाएगी।
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