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World Diabetes Day theme is “Breaking Barriers, Bridging Gaps” |
विश्व मधुमेह दिवस (World Diabetes Day), हर साल विश्वभर में 14 नवंबर को मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मधुमेह (Diabetes) रोग के प्रति लोगों में जागरूकता पैदा करना है ताकि समय रहते इसके लक्षणों का पता कर उचित उपचार किया जा सके।
- मधुमेह रोग के कारण एवं इसके विभिन्न पहलुओं को समझने हेतु कई लोग प्रयासरत थे। इनमें से एक जोड़ी फ्रेडरिक बैटिंग एवं चार्ल्स बेस्ट की भी थी, जो पैनक्रियाज ग्रन्थि द्वारा स्त्रावित तत्व के रसायनिक संरचना की खोज में लगे हुए थे। इस तत्व को इंसुलिन का नाम दिया गया।
- फ्रेडरिक बेटिंग के योगदान को याद रखने के लिए इंटरनेशनल डायबेटिक फेडरेशन (आईडीएफ) द्वारा 14 नवंबर को दुनिया के 160 देशों में मधुमेह दिवस मनाया जाता है।
- 2007 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा इस दिवस को अंगीकार करने के बाद इस का प्रतीक चिह्न नीला छल्ला चुना गया है। छल्ला या वृत्त, निरंतरता का प्रतीक है।
- वृत्त इस बात का प्रतीक है विश्व के सभी लोग इस पर काबू पाने के लिये एकजुट हों। नीला रंग आकाश, सहयोग और व्यापकता का प्रतीक है।
- बच्चों में मुख्यतः प्रकार-1 मधुमेह होता है, जिसके चिकित्सा के लिए जीवन पर्यन्त इंसुलिन लेना होता है।`
- अनुमान के मुताबिक, साल 2021 में 20-79 वर्ष के 537 मिलियन (53.7 करोड़) वयस्क मधुमेह से पीड़ित थे, यानी कि हर 10 में एक व्यक्ति को ये बीमारी थी।
- विशेषज्ञों का अनुमान है कि डायबिटीज रोगियों की संख्या 2030 तक 643 मिलियन (64.3 करोड़) और 2045 तक 783 मिलियन (78.3 करोड़) तक हो सकती है।
- मधुमेह रोगियों में मोतियाबिंद और ग्लूकोमा जैसी बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है।
विश्व मधुमेह दिवस का इतिहास (History of World Diabetes Day)..
पहली बार विश्व मधुमेह दिवस का आयोजन, विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) और अंतर्राष्ट्रीय मधुमेह संघ (International Diabetes Federation) द्वारा 14 नवम्बर, 1991 में किया गया था।
- 14 नवम्बर को मनाने का एक मुख्य कारण यह भी है, क्योंकि इसी दिन इंसुलिन की खोज करने वाले वैज्ञानिक फ्रेडरिक का जन्म हुआ था।
Question- What is Diabetes?
Answer- खून में ग्लूकोज (शर्करा) का स्तर निर्धारित सीमा से अधिक होता है, तो ऐसी स्थिति को मधुमेह रोग कहते हैं। दरअसल मधुमेह या डायबिटीज, जीवनशैली या वंशानुगत बीमारी है, जो शरीर में पैंक्रियाज ग्रंथियों (Pancreas Glands) के निष्क्रिय होने पर रोगी को प्रभावित करती है।
- पैंक्रियाज यानि अग्न्याशय ग्रंथियों के निष्क्रिय होने पर इंसुलिन (रक्त में शर्करा की मात्रा को संतुलित करने वाला हार्मोन) बनाना बंद हो जाता है।
- डायबिटीज में शुगर का लेवल सामान्य से अधिक बना रहता है, अगर इसे कंट्रोल करने के लिए दवा या उपचार न लिए जाएं तो समय के साथ आंखें, किडनी खराब होने और तंत्रिकाओं से संबंधित समस्या होने का खतरा हो सकता है।
- भूखे पेट (व्रत के दौरान) 100 मिग्रा से कम होना चाहिए।
- खाना खाने से पहले 70 से 130 मिग्रा के बीच होना चाहिए।
- खाना खाने के बाद रक्त में ग्लूकोज की मात्रा 180 मिग्रा से कम होनी चाहिए।
- सोते समय खून में शर्करा की सामान्य मात्रा 100 से 140 मिग्रा होती है।
- थकान, कमजोरी, पैरों में दर्द, क्योंकि ग्लूकोज ऊर्जा में परिवर्तित नहीं हो पाता।
- पैर का घाव ठीक न होना या गैंग्रीन का रूप ले लेना।
- अधिक पेशाब और भूख लगना।
- वजन कम होना।
- बार- बार चश्मे का नंबर बदलना।
- जननांगों में खुजली और संक्रमण होना।
- बेनेडिक्ट टेस्ट (Benedict Test)
- ग्लूकोज ऑक्सीडेज टेस्ट (Glucose Oxidase Test)
- खाली पेट रक्तशर्करा की जाँच (Sugar Level)
- ग्लूकोज टोलरेंस टेस्ट (Glucose Tolerance Test)
भारत मे मधुमेह की समस्या (Diabetes in India)
- भारत में मधुमेह के बढ़ते रोगियों के कारण इसे डायबिटीज कैपिटल भी कहा जाता है। भारतीय शहरों में, लगभग 10 से 12% वयस्क आबादी मधुमेह से पीड़ित हैं।
- विशेषज्ञों का अनुमान है कि 18 वर्ष से अधिक आयु के 77 मिलियन (7.7 करोड़) लोग टाइप-2 डायबिटीज से पीड़ित हैं और लगभग 25 मिलियन (ढाई करोड़) प्रीडायबिटिक हैं, जिनमें निकट भविष्य में मधुमेह विकसित होने का उच्च जोखिम हो सकता है।
- लाइफस्टाइल और आहार की गड़बड़ी को टाइप-2 डायबिटीज का प्रमुख कारण माना जाता है।
- अगर किसी महिला की कमर 31 इंच यानी तकरीबन 80 सेंटीमीटर से ज्यादा है तो उसे मधुमेह हो सकता है। कमर और हिप अनुपात के जरिये इसका अनुमान भी लगाया जा सकता है।
- विज्ञान मंत्रालय के वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) की आयुर्वेद दवा बीजीआर-34 को देश में टॉप 20 का दर्जा प्राप्त हुआ है।
- खानपान की ख़राबी और शारीरिक श्रम की कमी के कारण पिछले दशक में मधुमेह होने की दर दुनिया के हर देश में बढ़ी है।
- भारत जैसे देशों में क़रीब 340 से 350 लाख व्यक्ति इस व्याधि का शिकार हैं, जो एक विश्व रिकार्ड है। 17% नगरवासी एवं 2.5% ग्रामवासी इस बीमारी से पीड़ित हैं।
- मधुमेह (डायबिटीज) के कारण ही किडनी की ख़राबी, हृदय आघात, पैरों का गैन्ग्रीन और आंखों का अन्धापन अब भारत की मुख्य स्वास्थ्य समस्या बन चुकी है।
- ग़लत ख़ानपान एवं आलसी जीवन शैली के कारण दिन-प्रतिदिन कम उम्र के लोगों में यह बीमारी हो रही है।
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