देश भर में प्रतिवर्ष 16 नवंबर को ''राष्ट्रीय प्रेस दिवस (National Press Day)'' मनाया जाता है। मीडिया में हर कोई दिन-रात मेहनत कर दुनिया के कोने-कोने से खबरें लाता है। ये दिन देश में एक आजाद और जिम्मेदार मीडिया का प्रतीक है।
- 'प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया' की स्थापना देश की मीडिया पर नजर रखने और उसकी आजादी सुनिश्चित करने के लिए की गई थी।
- प्रेस की स्वतंत्रता की रक्षा के लिए बनाए गए 'प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया' ने 16 नंवबर, 1966 में अपना काम शुरू किया था।
- 1920 के दशक में, लेखक वाल्टर लिपमैन और अमेरिकी दार्शनिक जॉन डेवी ने लोकतांत्रिक समाज में पत्रकारिता की भूमिका पर अपने विचारों का आदान-प्रदान किया।
- भारत में मीडिया को लोकतंत्र का चौधा स्तंभ कहा गया है।
- प्रथम प्रेस आयोग ( 1956 में ) ने भारत में प्रेस की स्वतंत्रता की रक्षा एंव पत्रकारिता में उच्च आदर्श कायम करने के उद्देश्य से एक प्रेस परिषद की कल्पना की थी।
- परिणामस्वरूप 4 जुलाई, 1966 को भारत में प्रेस परिषद की स्थापना की गई जिसने 16 नंवबर 1966 से अपना विधिवत कार्य शुरू किया।
- 1997 के बाद से प्रेस परिषद द्वारा राष्ट्रीय प्रेस दिवस (16 नवंबर) के अवसर पर संगोष्ठी आयोजित की गई हैं।
- विश्व में लगभग 50 देशों में प्रेस परिषद या मीडिया परिषद है।
- भारत में प्रेस को वाचडॉग एंव प्रेस परिषद इंडिया को मोरल वाचडॉग गया है।
- पत्रकारिता जन-जन तक सूचनात्मक, शिक्षाप्रद एवं मनोरंजनात्मक संदेश पहुँचाने की कला एंव विधा है। मीडिया को समाज का दर्पण एवं दीपक दोनों माना जाता है।
नोट - विभिन्न माध्यमों/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।
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