Dear Aspirants,
संवैधानिक दृष्टि से उप-प्रधानमंत्री और मंत्रिमंडल के किसी अन्य सदस्य की स्थिति में कोई अंतर नहीं होता है । परंतु व्यवहार में उप-प्रधानमंत्री सरकार में प्रधानमंत्री के बाद दूसरे स्थान पर होता है। प्रधानमंत्री की अनुपस्थिति में वह प्रधानमंत्री के समस्त दायित्वों का निर्वहन करता है। उप-प्रधानमंत्री, आमतौर पर कैबिनेट के सबसे वरिष्ठ या काफी अनुभवी मंत्रियों में से एक को दी जाती है। इस कार्यालय का धारक भी गवर्निंग पार्टी के उप-नेता या शायद एक गठबंधन सरकार की कनिष्ठ पार्टी के नेता के रूप में भी हो सकता है।
भारत का उपप्रधानमंत्री (Deputy Prime Minister of India)....
भारत का उप-प्रधानमंत्री, भारत सरकार की कैबिनेट का एक सदस्य होता है। वस्तुतः उपप्रधानमंत्री के पास केवल यह शक्ति है कि वह प्रधानमंत्री की अनुपस्थिति में कैबिनेट की बैठकों की अध्यक्षता करता है।- संवैधानिक दृष्टि से उप-प्रधानमंत्री और मंत्रिमण्डल के किसी अन्य सदस्य की स्थिति में कोई अन्तर नहीं होता है। परन्तु व्यवहार में उप-प्रधानमंत्री सरकार में प्रधानमंत्री के बाद दूसरे स्थान पर होता है।
- उप-प्रधान मंत्री आमतौर पर, गृह मंत्री या वित्त मंत्री के रूप में एक महत्वपूर्ण कैबिनेट पोर्टफोलियो रखता है।
- भारतीय संविधान में उप-प्रधानमंत्री पद की कोई व्यवस्था नहीं है। इसके बावजूद इस पद का अब तक 7 बार सृजन किया गया है।
- भारत के प्रथम उप प्रधान-मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल थे, जो जवाहरलाल नेहरू के मंत्रिमंडल में गृह मंत्री थे।
- सातवें और अंतिम-उप प्रधान मंत्री श्री लालकृष्ण, जिन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में 2002 से 2004 तक गृह मंत्री के अलावा भूमिका निभाई थी।
- भारत के उप-प्रधानमंत्री भारतीय सरकार के मंत्रीमंडल के उपाध्यक्ष होते है।
List Deputy Prime Minister of India...
- सरदार वल्लभभाई पटेल - गृह एवं राज्य मंत्री सूचना एवं प्रसारण मंत्री ( 15 अगस्त 1947-15 दिसंबर 1950 )
- मोरारजी देसाई - वित्त मंत्री ( 13 मार्च 1967- 19 जुलाई 1969 )
- चौधरी चरण सिंह - गृह एवं वित्त मंत्री ( 24 जनवरी 1979 - 16 जुलाई 1979 )
- बाबू जगजीवन राम - रक्षा मंत्री ( 24 जनवरी 1979 - 28 जुलाई 1979)
- यशवंतराव चव्हाण - गृह राज्य मंत्री ( 28 जुलाई 1979 - 14 जनवरी 1980 )
- देवी लाल चौधरी - कृषि मंत्री ( 2 दिसंबर 1989 - 1 अगस्त 1990 )
- लाल कृष्ण आडवाणी - गृह राज्य मंत्री, कोयला एवं खान मंत्री एवं कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्री ( 28 जून 2002 - 22 मई 2004 )
नोट-(विवाद)
- पूर्व राष्ट्रपति आर.वेंकटरमण ने अपनी किताब 'कमिशन फॉर ऑमिशन ऑफ इंडियन प्रेजिडेंट' में लिखा है कि देवी लाल को मंत्री पद की शपथ दिलाई जा रही थी लेकिन वो उप-प्रधानमंत्री बोल रहे थे।
- अटॉर्नी जनरल ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि उप-प्रधानमंत्री काउंसिल ऑफ मिनिस्टर्स के सदस्य हैं।
- अटॉर्नी जनरल सोली सोराबाजी ने कोर्ट को कहा कि उप-प्रधानमंत्री का संविधान में कोई प्रमाण नहीं है।
कार्यवाहक प्रधानमंत्री.....
- भारत की संवैधानिक परम्परा में यह प्रावधान है कि यदि किसी प्रधानमंत्री की उसके कार्यकाल के दौरान मृत्यु हो जाए और नया प्रधानमंत्री चुना जाना तत्काल सम्भव न हो तो कार्यवाहक अथवा अंतरिम प्रधानमंत्री की नियुक्ति तब तक के लिए की जा सकती है, जब तक कि नया प्रधानमंत्री विधिक रूप से नियुक्त नहीं कर दिया जाता।
- संवैधानिक व्यवस्था के अनुसार, प्रधानमंत्री के पद को रिक्त नहीं रखा जा सकता।
- भारत रत्न सम्मानित गुलजारी लाल नन्दा एकमात्र ऐसे व्यक्ति हैं जो इस पद पर दो बार नियुक्त हुए।
नोट - विभिन्न माध्यमों/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।
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